मोर चिरैया
Sparrow on a branch

साथ मिलकर,हम बचा सकते हैंगौरैयाउन्हें कम ना होने दें

Mor-Chiraya logo

मोर चिरैया क्या है?

महासमुंद वन मंडल (छ.ग.) ने एक महान पहल शुरू की है, जिसमें हम आने वाली पीढ़ी को चिड़ियों के प्रति संवेदनशील बनने हेतु प्रोत्साहित करेंगे | इसी तारतम्य में हमारा पहला पहल होगा - बच्चों एवं पर्यावरण प्रेमियों के हाथ से गौरैया हेतु घोसला तैयार करवाना| इस पहल के अंतर्गत, महासमुंद वनमंडल DIY किट का सामान देगा जिससे प्रतिभागी आयोजित कार्यशाला में अथवा स्वयं अपने घर में घोसला तैयार कर सकेंगे |

Sparrow

गौरैया के बारे में

गौरैया की कई प्रजातियां विश्व भर में पाई जाती है यह पासरिडे(Passeridae) परिवार का पक्षी है | गौरैया की लंबाई लगभग 16 सेंटीमीटर होती है और इसका वजन सिर्फ 25 से 40 ग्राम के बीच में होता है| मादा गौरैया भूरे रंग की होती है तथा नर की पीठ पर सफेद और भूरे रंग के पंख होते हैं |

human

गौरैया का व्यवहार

गौरैया मनुष्य आबादी के साथ पूरी तरह से जुड़ी हुई हैं | यह मानव के आसपास ही रहना पसंद करती हैं, जिससे कि इसे खाना और आश्रय दोनों मिल जाते हैं| गौरैया मुख्य रूप से दाने और बीज खाना पसंद करती हैं | यह सर्वाहारी होती हैं तथा कीट पतंगे फल इत्यादि भी खाती हैं|

decrease

गौरैया कम होती जा रही है

पिछले पांच वर्षों में ही गौरैया की आबादी 80% से भी कम हो गई है| इसका मुख्य कारण मनुष्य की गतिविधियां ही हैं| इसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर संस्था ने अपनी रेड लिस्ट में शामिल किया है, जो कि संकटग्रस्त प्रजातियों की लिस्ट है|

क्यों लुप्त हो रहा है गौरैया का वास?

गौरैया मनुष्य के आस पास ही रहना पसंद करती है| यह मनुष्य के घर और उसके आसपास ही अपना घोंसला बनाती है| पहले हमारे घर मिट्टी, लकड़ी आदि के बनाए जाते थे, जिसमें गौरैया आसानी से अपना घोंसला बना लेती थी| वर्तमान समय में मकान सीमेंट के बनने लगे हैं| सीमेंट की दीवारों में घोसला बनाना गौरैया के लिए बहुत कठीन हो गया है, तथा सीमेंट गौरैया को गर्मी और ठंड से भी नहीं बचाता है| शहरों के साथ-साथ गांव में भी पक्के और कई मंजिला भवन बनने लगे हैं, जिससे गौरैया का आवास खत्म होता जा रहा है|

अभी करो!

गर्मियों में कैसे बचाएं गौरैयों को?

इस चिलचिलाती गर्मी में जब हम इंसान पानी को तरस जाते हैं तो इन पक्षियों का क्या जो सारा दिन आसमान में उड़ते हैं! इस विश्व गौरेया दिवस(20th March, 2022) के मौके पर मोर चिरैया अभियान में सहभागी बनें एवं मोहल्लों में चिड़ियों के पानी के लिए बर्तन और दाना बांटकर लोगों को जागरुक करें। गौरैया को बचाना कोई बहुत बड़ा मुश्किल काम नहीं है, अगर आप चाहे तो आप भी इस काम में मदद कर सकते हैं, इसके लिए सिर्फ आपको अपने घर के पास कुछ बर्ड हाउस, लकड़ी के बने हुए डिब्बे जिनमें चिड़िया अपना घोंसला बना सके स्थापित करना होगा|

गौरैयों को बचाओ!

DIY किट के हिस्से के रूप में आपको क्या मिलेगा?

  • Bamboo

    बांस के 5 रिंग

  • Bangles

    कांच की 1 चूड़ी/छोटी बांस की अंगूठी

  • Thread

    धागा / सुतली

  • bamboo Stick

    1 बांस की छड़ी

  • Jute

    जूट की रस्सी का एक लंबा टुकड़ा

  • Jute Fabric

    जूट के कपड़े का एक टुकड़ा

DIY नेस्ट किट

अपने प्रिय पक्षियों के लिए अपना घोंसला बनाएं

shipping bag

99

/ किट

अभी खरीदें

कार्यशालाएं

हम गौरैयों के संरक्षण के लिए लगातार कार्यशालाओं का आयोजन कर रहे हैं। हमारे समर्पित विशेषज्ञ और उत्साही स्वयंसेवक इस पहल की सफलता के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आपका एक छोटा सा योगदान इस प्रयास को बड़ी सफलता दिला सकता है। अपने स्कूल, कॉलेज, ऑफिस में कार्यशाला आयोजित करने के लिए संपर्क करें !!

संपर्क करें!
Workshop Icon

5+सफल कार्यशाला

Nest

300+सक्रिय घोंसले

People

500+लोगों ने भाग लिया

अप्डेट्स पाने के लिए हमें फ़ॉलो करें

Mahasamund District Logo

गौरैया संरक्षण के लिए महासमुंद वन मंडल की एक पहल|

Logo of the initiative Mor-ChiraiyaText of the initiative Mor-Chiraiya

हमारा दायित्व बनता है कि हमारी दुलारी सी चिड़िया को अपने जीवन का हिस्सा फिर से बनाएं!!! आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण के महत्त्व का एहसास कराने से वे पर्यावरण एवं विशेष रूप से पक्षी संरक्षण के लिए संवेदनशील बनेंगे | मोर चिरैया eco-friendly सामग्री का प्रयोग कर चिड़ियों के लिए घोसले बनवाने की एक पहल है जिसमें नागरिक एवं विशेष रूप से विद्यार्थी अपने हाथ से DO IT YOURSELF (DIY) किट के अनुसार अपने हाथ से घोसला बनाकर अपने घर में लगा सकेंगे |

संपर्क जानकारी

पता: Office of Divisional Forest Officer, Mahasamund Forest Division, Mahasamund, Chattisgarh

फ़ोन नंबर: 07723 - 222084

ईमेल: mor.chiraiya@gmail.com

कॉपीराइट 2022. सर्वाधिकार सुरक्षित।